शादी की नवीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं
सुनने वाला विरला ही कोई सुन पाता है ...
बुनी जाती हैं सबकी फ़ंदा दर फ़ंदा जिंदगी
पर जिस तरह आँखे बुनती है विरला ही कोई बुन पाता है...
संगीत की लय पर थिरक जाये आत्मा अपनी
ऐसी मधुरतम लय विरला ही कोई गुन पाता है...
और बेमतलब साथ अपने चल सके दूर तक कोई
ऐसा साथी जीवन में विरला ही कोई चुन पाता है ....
शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसुंदर कविता ❤️❤️
ReplyDelete9वीं वैवाहिक वर्षगाँठ पर दम्पत्ति को शुभकामनाएँ और आपको बधाई हो।
ReplyDeleteसुंदर कविता.वर्षगाँठ पर बधाई
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteबधाई हो।
ReplyDeleteअच्छी कविता...खूब बधाई
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