मुझसे रुकने को कह चल पड़ा अकेले
सितारों की दुनिया में जा छिपा कहीं ...
वादा किया था उससे -कहा मानूंगी
राह तक रही हूँ ,अब तक खड़ी वहीं...
वो अब हमेशा के लिए मौन रहता है
पूरी तरह मेरी भाषा सीख गया है,
आँखें बंद कर ही पढ़ पाऊं जिसको
ऐसी पाती ढाई आखर की लिख गया है .....
- अर्चना
नमन साथी के लिए |
ReplyDeleteGood !!
ReplyDeleteनमन
ReplyDelete