न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
जी, सुना और बहुत बेहतरीन लगा. बधाई. और भी गाईये.
बहुत सुन्दर गीत है, आभार।---चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
bahut khoob
जी, सुना और बहुत बेहतरीन लगा. बधाई. और भी गाईये.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत है, आभार।
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चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
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