आओ आज वत्सल के दिए शीर्षकों के साथ पिछली दोनों पेंटिंग्स को देखे ----और उस पर आई टिप्पणियो से जाने कि कितना अलग सोचते है हम ----
इस पेंटिंग का शीर्षक वत्सल ने दिया ---- --"HOLDING HANDS"
और इस पर जो टिप्पणी मिली ------
"The Change"! from black fear to orange courage! :)---रचना
और इस पेंटिंग का शीर्षक जो वत्सल ने दिया -----"चक्र"
अब इस पर आई टिप्पणिया -------
१--- "मछली का घरोंदा "-----सुनील डोगरा
२---"अपनी किस्मत आप लिखूँ ,
रंग से भरी इक छाप लिखूँ " ----शारदा अरोरा
३---अपने
हाथों से संवारा है
अपनी
इस प्यारी सी
रंग बिरंगी
दुनिया को
और
बनाई है
अपनी एक अलग पहचान..
गौर से देखोगे तो
दिखेंगे
मेरे और बस मेरे
ऊँगलियों के निशान....
*~*
सब बदल जाता है!!
बस, नहीं बदलते
और
जिन्दगी को
दिला जाते हैं
एक अलग पहचान...
ये
तुम्हारे
अँगुठे के निशान!!!
*~*
नोट: ऊँगलियों और अँगुठे के निशान कर्म इंगितकरते हैं.--------------------उड़नतश्तरी
४----" मुंह अपना किनारे को मोड,
मछली चली भंवर को छोड!! " :)रचना
अच्छा लगा यह प्रयोग!
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