बहुत ही कठिन गाना...................पर.................कोशिश की है..................क्योंकि बहुत पसंद है मुझे..............आप भी सुनिए..................अच्छा न लगे तो भी बताएं..............यानि नापसंद पर एक चटका.............जरूरी नहीं सब पसंद करें......................
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"ये कैसा सुर मंदिर है जिसमे संगीत नहीं. गीत लिखे दीवारों पे गाने की रीत नहीं" वाह ! बहुत ही बढ़िया. अच्छी आवाज़.
ReplyDeletebahut sundar panktiya thi geet ki aur aapne unhe sajeev kar diya....
ReplyDeleteआपकी आवाज बेमिसाल है
ReplyDeleteबहुत मधुर आवाज धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गीत, वैसा ही बढिया गायन, बधाई!
ReplyDeleteइतना बढ़िया तो गाया है, इसमें कैसे लगायें नापसंदगी का चटका. :)
ReplyDeleteबहुत उत्तम!! और सुनाओ कोई गीत!!
बहुत मधुर आवाज धन्यवाद
ReplyDeleteकित्ता प्यारा गीत है...
ReplyDelete_______________
पाखी की दुनिया में 'मुंडा पहाड़ बीच पर मस्ती'
निःसंदेह अच्छा गाया मैम पर चटके वाला डब्बा है कहाँ ब्लॉग पर?
ReplyDeleteआप सभी का आभार.......
ReplyDeleteआवाज यकीनन सुन्दर है, मिठास भी है पर अगर साथ में वाद्ययंत्र भी बजता तो और भी सुन्दर लगता।
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