Tuesday, May 11, 2010

सुर -मन्दिर ...............................बिना संगीत के................................

बहुत ही कठिन गाना...................पर.................कोशिश की है..................क्योंकि बहुत पसंद है मुझे..............आप भी सुनिए..................अच्छा न लगे तो भी बताएं..............यानि नापसंद पर एक चटका.............जरूरी नहीं सब पसंद करें......................




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11 comments:

  1. "ये कैसा सुर मंदिर है जिसमे संगीत नहीं. गीत लिखे दीवारों पे गाने की रीत नहीं" वाह ! बहुत ही बढ़िया. अच्छी आवाज़.

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  2. bahut sundar panktiya thi geet ki aur aapne unhe sajeev kar diya....

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  3. आपकी आवाज बेमिसाल है

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  4. बहुत मधुर आवाज धन्यवाद

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  5. बहुत बढ़िया गीत, वैसा ही बढिया गायन, बधाई!

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  6. इतना बढ़िया तो गाया है, इसमें कैसे लगायें नापसंदगी का चटका. :)

    बहुत उत्तम!! और सुनाओ कोई गीत!!

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  7. बहुत मधुर आवाज धन्यवाद

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  8. कित्ता प्यारा गीत है...

    _______________
    पाखी की दुनिया में 'मुंडा पहाड़ बीच पर मस्ती'

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  9. निःसंदेह अच्छा गाया मैम पर चटके वाला डब्बा है कहाँ ब्लॉग पर?

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  10. आप सभी का आभार.......

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  11. आवाज यकीनन सुन्दर है, मिठास भी है पर अगर साथ में वाद्ययंत्र भी बजता तो और भी सुन्दर लगता।

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