न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
वाह जी!! बहुत बढ़िया..आनन्द आया सुन कर!!
waah bahut sundar...bada hi madhurta se gaaya...
बहुत सुन्दर गीत बहुत सुन्दर गायन
मधुर आवाज मै मधुर ओर सुंदर गीत के लिये धन्यवाद
मधुर आवाज के लिये धन्यवाद
खूबसूरत...हर बार की तरह ! आभार ।
बिना संगीत के भी खनकती आवाज़ में ख़ूबसूरती से गाया आपने..
वाह जी!! बहुत बढ़िया..आनन्द आया सुन कर!!
ReplyDeletewaah bahut sundar...bada hi madhurta se gaaya...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गायन
मधुर आवाज मै मधुर ओर सुंदर गीत के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteमधुर आवाज के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteखूबसूरत...हर बार की तरह !
ReplyDeleteआभार ।
बिना संगीत के भी खनकती आवाज़ में ख़ूबसूरती से गाया आपने..
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