न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
वाह आज़ और कल में एक दम अन्तर
बहुत सुन्दर है जी
वाह वाह जी कमाल है
बहुत सुन्दर है जी शुभकामनाएं !
वाह कमाल है ....
वाह आज़ और कल में एक दम अन्तर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर है जी
ReplyDeleteवाह वाह जी कमाल है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर है जी शुभकामनाएं !
ReplyDeleteवाह कमाल है ....
ReplyDelete