मैं ईश्वर को अपनी परेशानी दे देती हूँ.........कह देती हूँ------उसने ही भेजा है ..........तो उसे ही बताना है कि ----आज क्या करना है ?.........क्योंकि उसे ही पता है कि उसने क्यों भेजा है.............जो भी अच्छा काम करवाना हो करवा ले .................
आज मुझे क्या करना है मैं ये नही सोचती .............क्योंकि मुझे पता थोडे ही रहता है कि मैं किस वक्त तक .रहूँगी !!!.........................जब भी समस्या आती है -----पूछ लेती हूँ अब क्या करूँ ? आगे बता ................बस ..........
आज मुझे क्या करना है मैं ये नही सोचती .............क्योंकि मुझे पता थोडे ही रहता है कि मैं किस वक्त तक .रहूँगी !!!.........................जब भी समस्या आती है -----पूछ लेती हूँ अब क्या करूँ ? आगे बता ................बस ..........
सही है.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteबेहतरीन!! बहुत बढ़िया
ReplyDeleteहमें पता भी नहीं होता और ईश्वर हमारे कठिन काम आसान करते चलता है। एक बेहतर रचना के लिए बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteवक्त कि धारा में बहते चलो...अच्छा सुझाव
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