न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन!! बधाई.
बहुत सुन्दर गीत और उतना ही सुन्दर सुर।
शुक्रिया अर्चना जी एक अनोखी स्थिति एवम पृष्ठभूमि पर लिखा गया था ये गीत ............. शुक्रिया साधुवाद आभार
beautiful!
सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन.शुक्रिया
बहुत सुन्दर गीत
अर्चना जी आपने सुन्दर तरीक़े से गाया है गीत आपकी सुलभा बिल्लोरे
सुन्दर गीत को अपनी मधुर आवाज़ देने के लिए बहुत-बहुत बधाई
sundar geet... mn-bhaavan bol...aur utni hi prabhaavshali prastutee !
बहुत सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन !
सुन्दर गायन और गीत.. मन मोह लिया..
बहुत शानदार गाया है आपने। बधाई।………….. पाँच मुँह वाले नाग देखा है?साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।
बहुत सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन!! बधाई.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत और उतना ही सुन्दर सुर।
ReplyDeleteशुक्रिया अर्चना जी
ReplyDeleteएक अनोखी स्थिति एवम पृष्ठभूमि पर लिखा गया था ये गीत .............
शुक्रिया
साधुवाद
आभार
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ReplyDeleteसुन्दर गीत एवं उम्दा गायन.शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत
ReplyDeleteअर्चना जी
ReplyDeleteआपने सुन्दर तरीक़े से गाया है गीत
आपकी सुलभा बिल्लोरे
सुन्दर गीत को अपनी मधुर आवाज़ देने के लिए बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeletesundar geet...
ReplyDeletemn-bhaavan bol...
aur
utni hi prabhaavshali prastutee !
बहुत सुन्दर गीत एवं उम्दा गायन !
ReplyDeleteसुन्दर गायन और गीत.. मन मोह लिया..
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ReplyDeleteबहुत शानदार गाया है आपने। बधाई।
…………..
पाँच मुँह वाले नाग देखा है?
साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।