सादर नमन ........ब्लॉग जगत से जब से परिचय हुआ है ,तब से किसी न किसी व्यक्ति से कुछ न कुछ सीखने को मिला है ....सभी गुरुजनों को मेरा नमन ..... वे अपना आशीर्वाद बनाए रखेंगे मुझ पर ...इसी आशा के साथ .....
आज प्रस्तुत है दिलीप की लिखी एक वन्दना..... "दो मुझे वरदान माँ ".........................उनके ब्लॉग " दिल की कलम " पर आप इसे पढें......
आज प्रस्तुत है दिलीप की लिखी एक वन्दना..... "दो मुझे वरदान माँ ".........................उनके ब्लॉग " दिल की कलम " पर आप इसे पढें......
Nice, aapko bhi naman, is vichaar ko bar- bar naman.
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDelete--
ज्ञानदात्री माँ सरस्वती को नमन!
मृदुल स्वर में मधुर गीत!!!
ReplyDeleteमधुर गीत...
ReplyDeleteगुरु गोविन्द दोऊ खड़े काको लागूं पायं।
बलिहारी गुरु आपने जिन गोविन्द दियो बताय।।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं....
शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteमधुर गीत...
बहुत सुन्दर। बहुत बधाई।
ReplyDeleteकिसी लेखक की रचना को अगर स्वर मिल जाए तो उसका मूल्य पहले से बहुत गुणा ज्यादा बढ़ जाता है...
ReplyDeleteदिलीप जी का तथा आपका बहुत-बहुत आभार
बहुत मीठी आवाज़ है आपकी ।
ReplyDeleteसुन्दर !
ReplyDeleteदिलीप जी का तथा आपका बहुत-बहुत आभार
ReplyDeleteशुभकामनाएं.....
ReplyDeleteशुभकामनाएं.....
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