न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
आप ही जिंदगी से गुजर गए होते,अब तक तो कब के मर गए होते,यादों ने जो न की होती जख्मों छेड़छाड़,कभी के वो अब तक भर गए होते ....
ओह! जबरदस्त!
गहरी, हृदय में उतरती हुयी।
सबका सच !
gahare dard kaa ehsaas karati panktiyan..bahut badhiya.
इसी को जिन्दगी कहते है,
बहुत सुन्दर मुक्तक है।--जीवन की आपाधापी में झंझावात बहुत फैलें हैं!
बहुत सुन्दर...
ऐसी रचना पर बहुत सुन्दर भी नहीं कह सकता मैं।आप गाती हैं, कभी सुनिये भी’दुनिया में कितना गम है, मेरा गम कितना कम है।’आभार।
so beautiful!
waah! bahut khubhttp://kavyamanjusha.blogspot.com/
बढिया..
बहुत सुन्दर. लगता है आपतो एक स्थापित कवियत्री हैं.
वाह ....बहुत सुन्दर ...
आप ही जिंदगी से गुजर गए होते,
ReplyDeleteअब तक तो कब के मर गए होते,
यादों ने जो न की होती जख्मों छेड़छाड़,
कभी के वो अब तक भर गए होते ....
ओह! जबरदस्त!
ReplyDeleteगहरी, हृदय में उतरती हुयी।
ReplyDeleteसबका सच !
ReplyDeletegahare dard kaa ehsaas karati panktiyan..bahut badhiya.
ReplyDeleteइसी को जिन्दगी कहते है,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मुक्तक है।
ReplyDelete--
जीवन की आपाधापी में झंझावात बहुत फैलें हैं!
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteऐसी रचना पर बहुत सुन्दर भी नहीं कह सकता मैं।
ReplyDeleteआप गाती हैं, कभी सुनिये भी
’दुनिया में कितना गम है, मेरा गम कितना कम है।’
आभार।
so beautiful!
ReplyDeletewaah! bahut khub
ReplyDeletehttp://kavyamanjusha.blogspot.com/
बढिया..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर. लगता है आपतो एक स्थापित कवियत्री हैं.
ReplyDeleteवाह ....बहुत सुन्दर ...
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