Sunday, September 19, 2010

शाम अधूरी मीत याद बिन----एक गीत गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" जी का

बिना किसी भूमिका के सुनिए गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" जी का ये गीत-----



इनका ही एक और गीत सुन सकते हैं यहाँ 

और एक चित्रों से सजा ब्लॉग देखिए यहाँ

12 comments:

  1. शुक्रिया अर्चना जी

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  2. बहुत सुन्दर गीत एवं गायन.

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  3. स्वर ने तो गीत में जान डाल दी!
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    गायन में की गई मेहनत स्पष्ट झलक रही है!

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  4. सचमुच ही यह अनुगुंजन बड़ी रसीली है.

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  5. स्वर ने तो गीत में जान डाल दी!

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  6. geet nahi sun paya chitr dekhe acchhe lage

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  7. सुन्दर गीत...मधुर आवाज़

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  8. मधुर आवाज़ मे बहुत ही सुन्दर गीत्।

    आपकी पोस्ट आज के चर्चामंच का आकर्षण बनी है । चर्चामंच पर आकर अपने विचारों से अवगत करायें।
    http://charchamanch.blogspot.com

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  9. bahut achha geet aur madhur aawaaz...thanks.

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