न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
शुक्रिया अर्चना जी
बहुत सुन्दर गीत एवं गायन.
स्वर ने तो गीत में जान डाल दी!--गायन में की गई मेहनत स्पष्ट झलक रही है!
सुन्दर !
सचमुच ही यह अनुगुंजन बड़ी रसीली है.
बहुत ही अच्छा।
स्वर ने तो गीत में जान डाल दी!
geet nahi sun paya chitr dekhe acchhe lage
सुन्दर गीत...मधुर आवाज़
अच्छा लगा ।
मधुर आवाज़ मे बहुत ही सुन्दर गीत्।आपकी पोस्ट आज के चर्चामंच का आकर्षण बनी है । चर्चामंच पर आकर अपने विचारों से अवगत करायें।http://charchamanch.blogspot.com
bahut achha geet aur madhur aawaaz...thanks.
शुक्रिया अर्चना जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत एवं गायन.
ReplyDeleteस्वर ने तो गीत में जान डाल दी!
ReplyDelete--
गायन में की गई मेहनत स्पष्ट झलक रही है!
सुन्दर !
ReplyDeleteसचमुच ही यह अनुगुंजन बड़ी रसीली है.
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा।
ReplyDeleteस्वर ने तो गीत में जान डाल दी!
ReplyDeletegeet nahi sun paya chitr dekhe acchhe lage
ReplyDeleteसुन्दर गीत...मधुर आवाज़
ReplyDeleteअच्छा लगा ।
ReplyDeleteमधुर आवाज़ मे बहुत ही सुन्दर गीत्।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट आज के चर्चामंच का आकर्षण बनी है । चर्चामंच पर आकर अपने विचारों से अवगत करायें।
http://charchamanch.blogspot.com
bahut achha geet aur madhur aawaaz...thanks.
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