ये गीत ललित शर्मा जी के ब्लॉग "शिल्पकार के मुख से" पर आप पढ़ सकते हैं।-( इस ब्लॉग के सारे लेखों पर अधिकार सुरक्षित हैं इस ब्लॉग की सामग्री की किसी भी अन्य ब्लॉग, समाचार पत्र, वेबसाईट पर प्रकाशित एवं प्रचारित करते वक्त लेखक का नाम एवं लिंक देना जरुरी हैं.)
ललित जी का एक और गीत यहाँ सुन सकते हैं आप
ललित जी का एक और गीत यहाँ सुन सकते हैं आप
अच्छा गाती हो मैडम जी
ReplyDeleteकभी हमारे द्वारे भी आना
जै राम जी की
मेरे गीत को स्वर देने के लिए आपका कोटिश आभार
ReplyDeletesundar prastuti
ReplyDeleteबढ़िया !
ReplyDeleteसुन्दर गायन. आभार.
ReplyDeleteबढ़िया ....
ReplyDeleteनवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
गाने के लिए गीतो का चयन भी अच्छा लगा .. आपके स्वर का तो जबाब नहीं .. शुभकामनाएं!!
ReplyDeleteललित शर्मा जी के सुन्दर गीत को
ReplyDeleteआपने बहुत ही मधुर स्वर में गाया है!
Make Massive income from Google at www.visionjobcare.com
ReplyDeleteMake Massive income from Google. No MLM, No scheme a real income opportunity. We create a website for you that will generate life income for you. Even when you in sleep or at work, your website will pour income Non-stop. A Guaranteed Income of $10000 p.m.
For more details:
E-mail us at support.visionjob@gmail.com
Website: http://www.visionjobcare.com/XXX.html
गीत और स्वर दोनों सुन्दर, धन्यवाद.
ReplyDeleteवाह
ReplyDelete
ReplyDeleteबहुत अच्छा काम कर रही हो अर्चना मैम ! रचनाएँ और रचनाकार दोनों आभारी होंगे आपके इस अनूठे कार्य के !
अमर कर दिया अपने इन रचनाओं को ...
हार्दिक शुभकामनायें !
सुन्दर त्रिवेणी
ReplyDeleteलाजवाब गीत और उतना ही लाजवाब स्वर ...
ReplyDeleteअचर्ना जी, यह त्रिवेणी तो बहुत शानदार है। मेरी समझ में ब्लॉग जगत में इस तरह का यह पहला प्रयास है। बधाई स्वीकारें।
ReplyDelete................
वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।