Friday, October 8, 2010

चित्र वत्सल का.....गीत ललित शर्मा जी का और स्वर मेरा (अर्चना चावजी)

 ये गीत ललित शर्मा जी के ब्लॉग "शिल्पकार के मुख से" पर आप पढ़ सकते हैं।-(  इस ब्लॉग के सारे लेखों पर अधिकार सुरक्षित हैं इस ब्लॉग की सामग्री की किसी भी अन्य ब्लॉग, समाचार पत्र, वेबसाईट पर प्रकाशित एवं प्रचारित करते वक्त लेखक का नाम एवं लिंक देना जरुरी हैं.)
 




 ललित जी का एक और गीत यहाँ सुन सकते हैं आप


15 comments:

  1. अच्छा गाती हो मैडम जी
    कभी हमारे द्वारे भी आना
    जै राम जी की

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  2. मेरे गीत को स्वर देने के लिए आपका कोटिश आभार

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  3. सुन्दर गायन. आभार.

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  4. बढ़िया ....

    नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।

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  5. गाने के लिए गीतो का चयन भी अच्‍छा लगा .. आपके स्‍वर का तो जबाब नहीं .. शुभकामनाएं!!

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  6. ललित शर्मा जी के सुन्दर गीत को
    आपने बहुत ही मधुर स्वर में गाया है!

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  8. गीत और स्‍वर दोनों सुन्‍दर, धन्‍यवाद.

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  9. बहुत अच्छा काम कर रही हो अर्चना मैम ! रचनाएँ और रचनाकार दोनों आभारी होंगे आपके इस अनूठे कार्य के !
    अमर कर दिया अपने इन रचनाओं को ...
    हार्दिक शुभकामनायें !

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  10. लाजवाब गीत और उतना ही लाजवाब स्वर ...

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  11. अचर्ना जी, यह त्रिवेणी तो बहुत शानदार है। मेरी समझ में ब्लॉग जगत में इस तरह का यह पहला प्रयास है। बधाई स्वीकारें।
    ................
    वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
    ….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।

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