Tuesday, October 19, 2010

बोलो ठीक है न......एक पुरानी पोस्ट.............................

जो कुछ चाहो , वो मिल ही जाए ,
ऐसा कभी नही होता है ।
इसलिए जो कुछ मिले ,
उसे " चाह " लेना ही ठीक है ।

जो कुछ सीखो , सब आ जाए,
ऐसा कभी नही होता है ।
इसलिए जो कुछ आ जाए ,
उससे ही " सीख " लेना ठीक है ।

जो कुछ लिखा है , वो सब पढ लिया हो ,
ऐसा कभी नही होता है ।
इसलिए जो कुछ पढ लिया हो ,
उसे ही " याद रख लेना " ठीक है ।

जो कुछ सुना , सब समझ लिया ,
ऐसा कभी नही होता है ।
इसलिए जो कुछ " समझा " ,
उसे ही " कर " लेना ठीक है।

जो कुछ बोला , सब काम का हो ,
जरूरी नही होता है ,
लेकिन बडों की कही हर बात को ,
शान्ति से " सुन " लेना ठीक है ।

जो कुछ खो गया , वो फ़िर से मिल जाए ,
ऐसा हमेशा नही होता है ,
इसलिए जो मिल गया ,
उसे ही " सहेज " लेना ठीक है ।

खुशी और गम , किसी के पास ज्यादा होते है ,
किसी के पास कम ,
इनको समान करने के लिए ,
आपस मे " बांट " देना ही ठीक है ।

किसी भी उम्र में कोई भी व्यक्ति ,
कभी परिपूर्ण नही होता है ,
इसलिए हर छोटे- बडे की कही बात पर ,
" ध्यान " देना ही ठीक है ।

कोई भी संस्कृति या धर्म ,
किसी को बुराई नही सिखाता ,
इसलिए हर धर्म और संस्कृति को ,
हमेशा " मान " देना ही ठीक है ।

11 comments:

  1. @ आदरणीय अर्चना जी बोलने की जरुरत ही नहीं
    सुंदर सन्देश देती देती एक........... सुंदर रचना

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  2. सीख देती बढ़िया रचना

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  3. 2.5/10


    आप जैसों के आगे ही तो उस्तादी बंगले झाँकने लगती है.

    जब आपने पहले ही माईक लगाकर घोषणा कर दी कि आपको कविता, कहानी, ग़ज़ल, लेख के बारे में कुछ नहीं पता तो मेरा भला यहाँ क्या काम ? लेकिन क्या करूँ बुरी आदतें जल्दी कहाँ छूटती हैं :)

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  4. इस पुरानी पोस्ट का जवाब नही!
    इसीलिए तो चर्चा मंच पर चुरा लिया है इसे!
    http://charchamanch.blogspot.com/2010/10/313.html

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  5. अति सुंदर संदेश दिया आप ने इस कविता के रुप मे धन्यवाद

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