Thursday, November 25, 2010

सुबह की शुरूआत -माँ शारदे की वन्दना से



सुनिये गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" जी की एक रचना (इसे इस ब्लॉग से पढ़ा)

 

14 comments:

  1. बहुत बढ़िया!! आज सुबह माँ शारदे के दर्शन करा दिए आपने। धन्यवाद।

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  2. मधुर स्तुति, सुन्दर गीत।

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  3. jai maa sharde...bahut badhiya...badhiya prastuti bhi..

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  5. अर्चना जी शुक्रिया
    मां शारदे की आराधना
    मेरी रचना न मानिये
    ईश्वर की प्रेरणा को शब्द दिये उनकी प्रेरणा से ही सच आपने अपने सुर देकर मुझे अभिभूत कर दिया
    आभार

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  6. जय माँ शारदे .

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  7. वन्दे मातरम , धन्यवाद !

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  8. acha laga :)

    ~Yagyadutt

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  9. गिरीश जी का आभार... मान शारदे लेखनी का प्रवाह और कंठ के गान को प्रखरता प्रदान करें!!

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