न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत बढ़िया!! आज सुबह माँ शारदे के दर्शन करा दिए आपने। धन्यवाद।
जय माँ शारदे ......
मधुर स्तुति, सुन्दर गीत।
jai maa sharde...bahut badhiya...badhiya prastuti bhi..
जय माँ शारदे...
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अर्चना जी शुक्रियामां शारदे की आराधना मेरी रचना न मानियेईश्वर की प्रेरणा को शब्द दिये उनकी प्रेरणा से ही सच आपने अपने सुर देकर मुझे अभिभूत कर दियाआभार
जय माँ शारदे .
वन्दे मातरम , धन्यवाद !
acha laga :)~Yagyadutt
सुन्दर स्तुती
गिरीश जी का आभार... मान शारदे लेखनी का प्रवाह और कंठ के गान को प्रखरता प्रदान करें!!
वाह!
बहुत बढ़िया!! आज सुबह माँ शारदे के दर्शन करा दिए आपने। धन्यवाद।
ReplyDeleteजय माँ शारदे ......
ReplyDeleteजय माँ शारदे ......
ReplyDeleteमधुर स्तुति, सुन्दर गीत।
ReplyDeletejai maa sharde...bahut badhiya...badhiya prastuti bhi..
ReplyDeleteजय माँ शारदे...
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ReplyDeleteअर्चना जी शुक्रिया
ReplyDeleteमां शारदे की आराधना
मेरी रचना न मानिये
ईश्वर की प्रेरणा को शब्द दिये उनकी प्रेरणा से ही सच आपने अपने सुर देकर मुझे अभिभूत कर दिया
आभार
जय माँ शारदे .
ReplyDeleteवन्दे मातरम , धन्यवाद !
ReplyDeleteacha laga :)
ReplyDelete~Yagyadutt
सुन्दर स्तुती
ReplyDeleteगिरीश जी का आभार... मान शारदे लेखनी का प्रवाह और कंठ के गान को प्रखरता प्रदान करें!!
ReplyDeleteवाह!
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