न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत अच्छा लगा!
सुन्दर प्रस्तुति!
achha laga
माफ़ कर दिया गया हे जी, अब सुनाओ
यहउस दौर का गीत है जब लता और शंकर में झगड़ा चल रहा था.. और सुमन ने गाए थे गाने,जो वास्तव में लता गातीं.. एक फर्माईश इसी शृन्खला की मेरी भी नोट अर लो.. हो सके तो पूरी कर देना.. अजहूँ न आए बालमा, सावन बीता जाए!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteachha laga
ReplyDeleteमाफ़ कर दिया गया हे जी, अब सुनाओ
ReplyDeleteयहउस दौर का गीत है जब लता और शंकर में झगड़ा चल रहा था.. और सुमन ने गाए थे गाने,जो वास्तव में लता गातीं.. एक फर्माईश इसी शृन्खला की मेरी भी नोट अर लो.. हो सके तो पूरी कर देना.. अजहूँ न आए बालमा, सावन बीता जाए!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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