न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
स्वागत हैप्रसारण के बाद देखता हूं
sach kaha sachchai ki dor sabse majboot
आशीर्वादात्मक वचन, विदाई सुखद रहेगी।
वाह...
अभिव्यक्ति का नया अंदाज अच्छा लगा..
बहुत सही!
सुंदर भाव..... काम आयेंगें आशीर्वचन शुभकामनायें मेरी भी.....
वाह बहुत अच्छा लगा..
हमारी तरफ़ से भी आल द बैस्ट।
मेरे व्लाग पर आने के लिए धन्यवाद मगर बिना पुरे हुए एक वर्ष पूर्ण होने की बधाई , यह बात मेरी समझ में नहीं आयी ...
स्वागत है
ReplyDeleteप्रसारण के बाद देखता हूं
sach kaha sachchai ki dor sabse majboot
ReplyDeleteआशीर्वादात्मक वचन, विदाई सुखद रहेगी।
ReplyDeleteवाह...
ReplyDeleteअभिव्यक्ति का नया अंदाज अच्छा लगा..
ReplyDeleteबहुत सही!
ReplyDeleteसुंदर भाव..... काम आयेंगें आशीर्वचन शुभकामनायें मेरी भी.....
ReplyDeleteवाह बहुत अच्छा लगा..
ReplyDeleteहमारी तरफ़ से भी आल द बैस्ट।
ReplyDeleteमेरे व्लाग पर आने के लिए धन्यवाद मगर बिना पुरे हुए एक वर्ष पूर्ण होने की बधाई , यह बात मेरी समझ में नहीं आयी ...
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