न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
पोस्ट पढ़ी है, सुन्दर पाठन आपके द्वारा।
बधाई
अर्चना जी , कविता में वाचिक पाठ का बहुत महत्व होता है। इससे कविता के नये अर्थ खुलते हैं । आपका उच्चारण बेहद स्पष्ट है तथा स्वर तो मधुर है ही । बहुत अच्छा लगा यह प्रयोग । मेरे और सिद्धेश्वर जी की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद ।
अच्छा प्रयोग...ऐसे उपक्रम ही कविता को सर्वग्राह्य बनाते हैं...शुक्रिया...बधाई...
वाह , मधुर और सुस्पष्ट पाठन
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ReplyDeleteबधाई
ReplyDeleteअर्चना जी , कविता में वाचिक पाठ का बहुत महत्व होता है। इससे कविता के नये अर्थ खुलते हैं । आपका उच्चारण बेहद स्पष्ट है तथा स्वर तो मधुर है ही । बहुत अच्छा लगा यह प्रयोग । मेरे और सिद्धेश्वर जी की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद ।
ReplyDeleteअच्छा प्रयोग...ऐसे उपक्रम ही कविता को सर्वग्राह्य बनाते हैं...शुक्रिया...बधाई...
ReplyDeleteवाह , मधुर और सुस्पष्ट पाठन
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