Thursday, April 7, 2011

रात आई थी ...मगर उबासी लेती...

8 comments:

  1. वाह वाह!! आनन्द आ गया...क्या बात है...बहुत उम्दा धुन एवं स्वर.

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  2. बहुत सुन्दर , भावपूर्ण एवं प्रवाहमयी रचना .....

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  3. गीत भी बढ़िया,
    स्वर भी बढ़िया!

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  4. जितना सुन्दर गीत, उतना सुन्दर गायन।

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  5. गज़ब! बहुत सुन्दर गीत और उतना ही मधुर गाया है आपने।

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  6. स्वर के बिना गीत था केवल बुझे हुए दीपक की बाती
    मिली आपके स्वर से सरगम,शब्द सभी जीवन्त हो गये
    सारंगी की धुन से सजकर बहते हुये हवाओं के सुर
    मिले आपकी वाणी से तो गीतों के वे छन्द हो गये

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  7. शब्द, स्वर दोनों कमाल.....

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