न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बस अभी अभी कविता पढ़कर ही आ रहे हैं।
" jay maata di "
...मेरा साउंड कार्ड काम नहीं कर रहा :(
Bahut Bahut Sunder....
बस अभी अभी कविता पढ़कर ही आ रहे हैं।
ReplyDelete" jay maata di "
ReplyDelete...मेरा साउंड कार्ड काम नहीं कर रहा :(
ReplyDeleteBahut Bahut Sunder....
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