न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
सुंदर वाचन!अच्छी प्रस्तुति।आभार!
अनुवाद का बहुत अच्छा वाचन किया है आपने।
सुनने में और भी अच्छा लगा।
आपने समय के अनुरूप कार्य कियासेल्यूट करता हूं
सुंदर वाचन!
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति।
आभार!
अनुवाद का बहुत अच्छा वाचन किया है आपने।
ReplyDeleteसुनने में और भी अच्छा लगा।
ReplyDeleteआपने समय के अनुरूप कार्य किया
ReplyDeleteसेल्यूट करता हूं