न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
इस नेक काम के लिए बधाई!जय माता जी की!
जय माता जी दी!! बहुत सुंदर जी
बहुत सुन्दर।
आपने इस कविता को एक अलग ही पहिचान दे दी... आभार..
बहुत उम्दा
बहुत सुंदर
बहुत खूब, हार्दिक शुभकामनायें आपको !!
इस नेक काम के लिए बधाई!
ReplyDeleteजय माता जी की!
जय माता जी दी!! बहुत सुंदर जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteआपने इस कविता को एक अलग ही पहिचान दे दी... आभार..
ReplyDeleteबहुत उम्दा
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत खूब, हार्दिक शुभकामनायें आपको !!
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