Thursday, March 22, 2012

कोई बात नहीं बस यूँ ही ...

तुम्हारी याद
गुमसुम हम
काँटे की चुभन

रिमझिम फ़ुहार
सावन के झूले
बन्द पलकें

खुशबू और फ़ूल
और तेरी याद
बे- मौसम बरसात...

मैं और मेरा चाँद
बहुत दूर पर बहुत पास
वाह! भी और आह! भी....

छुपे हुए जज़्बात
इशारों की जुबां
कोई बात नहीं...........


और एक गीत सुनना चाहें अगर --
(गीत किसका है नहीं मिल पाया,जो जानते हैं जरूर बताएं)




10 comments:

  1. शुरू में लगा कि हाइकू है... लेकिन फिर देखा तो पता चला कि हाइकू नहीं है.. जो भी हो, बहुत कम शब्दों में बहुत अलग अंदाज़ है... सावन की तरह मोहक, वर्षा की बूंदों सी निश्छल, चाँद सी खूबसूरत और इशारों सी शोख कविता!!

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  2. बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
    इंडिया दर्पण की ओर से शुभकामनाएँ।

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  3. वाह ...बहुत खूब ... यह यादें यूँ ही गुनगुनाती रहें ...

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  4. खूबसूरत क्षणिकाएं ... वाह

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  5. वाह ... कम शब्दों में गहरी बात ...

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  6. मैं और मेरा चाँद
    बहुत दूर पर बहुत पास
    वाह! भी और आह! भी....
    ..... behtareen!! waise ulta ho gaya.. pahle aah fir wah!!
    bahut dur to aaaaaah
    aur bahut pass to wah.. hai na:)))!!
    aap behtareen likhte ho!:)

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  7. बहुत ही सुन्दर रचना है जी .

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  8. Bolo bolo na , Very beautiful sweet voice .Did u sing this song ? I think u did . I am shashi , once a while I read your blog and like your voice , and every post has a great meaning in it . All the best wishes and love .

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  9. great post and song ! lot of love
    sonal

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