Sunday, April 22, 2012

क्या तुम और क्या मैं !!!


शानदार आलीशान फ़ुटपाथ पर रहने वाले दो बच्चे सोनू और मोनू की बातचीत...

सोनू- और क्या भीड़ू ?

मोनू- मस्त है...अपनी बताओ..

सोनू- अपुन बी मस्त! ...आज शाम का क्या प्रोग्राम है?

मोनू- कुछ नई... वोSS..काका को छुट्टन को लेके दवाई दूकान पे जाने वाला है ,तो उसका ठेला देखने का है एक घन्टा ..उसके बाद फ़्री...क्यों?

सोनू- नई ..वो माँ को बुखार है, तो बंगले पे जाने का है,...सोचा ...मैं जब तक काम निपटाउँगा.... तू बाबू साब की कॉपी में चित्र बना देता.....

लघुकथा- अर्चना
 


ये  महज एक लघुकथा नहीं ....एक बहुत बड़ी-सी कथा है मेरे लिए....
शानदार आलीशान फ़ुटपाथ ....आजकल हर जगह सड़कों और फ़ुटपाथों के निर्माण की प्रक्रिया चालू है ....और घर बदलते कई परिवार नये फ़ुटपाथ पर बसते दिखाई दे जाते हैं ....
सुबह स्कूल जाने के समय पूरे परिवार की भागदौड़ी ...काम की तलाश ...बच्चों की बेफ़िक्री ....बड़े भाई-बहनों की गोद में रोते छोटे बच्चे ...जैसे दॄश्य आम हैं....
 और बाबूसाब की कॉपी.....माँ के साथ काम पर जाने वाले बच्चे की निगाह बँगले में रहने वाले बच्चे  की खेलने -पढ़ने की चीजों पर रहती ही होगी ..सोचती हूँ उनमें भी कई कलाकार छुपे होंगे....





 

14 comments:

  1. बेजोड़ भावाभियक्ति....

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  2. आम लोगों के लिये लगभग अदृश्य यह बचपन देख पाने के लिये भी विशिष्ट दृष्टि चाहिये। साझा करने के लिये आभार!

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  3. बढ़िया रचनाकारी!
    पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएँ!

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  4. बच्चों में छिपी प्रतिभा दिखती जाये, पल्लवित भी होती जाये..

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  5. यह लघु कथा नहीं.. एक दर्द भरी सचाई है.. और सचाई लघु हो ही नहीं सकती!!

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  6. और बाबूसाब की कॉपी.....माँ के साथ काम पर जाने वाले बच्चे की निगाह बँगले में रहने वाले बच्चे की खेलने -पढ़ने की चीजों पर रहती ही होगी ..सोचती हूँ उनमें भी कई कलाकार छुपे होंगे....

    यह भी विडम्बना ही है .... छोटे छोटे बच्चे यूं जीवन बिता रहे हैं ...उनकी कोमल सी इच्छा को आपने बहुत गहन भावों से लिखा है

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  7. वाह क्या बात है

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  8. हम्म्म///// जबरदस्त!!

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  9. एक सच से रू-ब-रू कराती बेहतरीन पोस्‍ट ..आभार ।

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  10. यह बात एक लघु कथा हो ही नहीं सकती क्यूँकि यह एक सच्चाई है बहुत सही लिखा है आपने सहमत हूँ आपकी लिखी अंतिम पंक्ति से सच को दर्शाती एक बेहद उम्दा पोस्ट आभार....समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/

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  11. beautiful post with childhood.

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  12. एक सच्चाई को दर्शाती सशक्त लघुकथा।

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  13. very true in India and all poor countries has this story .

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