कमरे की खिड़की
गाड़ी का हार्न
और आँखों की चमक ...
भीनी -सी खुशबू
चादर की सिलवट
और चूड़ियों की खनक...
तुम्हारा देर से आना
मेरा मुँह फ़ेरना
और चॉकलेट आईस्क्रीम...
माँ का प्यार
रेशम की डोर
और आँखों की नम कोर...
लौटते पंछी
नीला आसमान
और डूबता सूरज......
गाड़ी का हार्न
और आँखों की चमक ...
भीनी -सी खुशबू
चादर की सिलवट
और चूड़ियों की खनक...
तुम्हारा देर से आना
मेरा मुँह फ़ेरना
और चॉकलेट आईस्क्रीम...
माँ का प्यार
रेशम की डोर
और आँखों की नम कोर...
लौटते पंछी
नीला आसमान
और डूबता सूरज......
कोमल कोमल ☺
ReplyDeleteनन्हा सा बच्चा, मीठी मुस्कान ...
ReplyDeleteकोमल भाव, सरल प्रवाह..
ReplyDeleteनाजुक ख्याल ..
ReplyDelete:) सुंदर भाव
ReplyDeleteवाह....वाह...वाह...सुन्दर रचना...!
ReplyDeleteजाने ये क्या है
ReplyDeleteकैसी विधा है
बातें हैं कोमल!!
:)
ReplyDeleteBhaut hi achha. Brilliant.
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