न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
☺☺☺
:):)
अहा..
bahut badiya
बहुत सुन्दर .. कर्णप्रिय
खुबसूरत कर्णप्रिय
☺☺☺
ReplyDelete:):)
ReplyDeleteअहा..
ReplyDeletebahut badiya
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .. कर्णप्रिय
ReplyDeleteखुबसूरत कर्णप्रिय
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