न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत खूब! इसे अपनी आवज में भी पोस्ट कीजिये !
बहुत अच्छा भाव, यही प्रेम पल्लवित होता रहे।
भावमय करते शब्दों का संगम ...
बहुत भावमयी प्रस्तुति....
बहुत खूबसूरत हैं ये जादू की झप्पी
सलामत रहें झप्पियाँ
सुन्दर !!!!!!!!!!!!
ह्रदय विशाल हो सागर की भाँती तो सब कुछ समां जाता है यही विशालता जादू की झप्पी में शायद परिवर्तित हो जाता है.
सही है.....स्नेहमयी ममतामयी भावपूर्ण प्रस्तुति!!
jadu ki jhappi pasand aai ji
जादू की झप्पी बड़ी काम कीसैर करा देती चारों धाम कीहे माँ! तू देवी लगती है मेरीजपू माला नित तेरे नाम की
बहुत खूब! इसे अपनी आवज में भी पोस्ट कीजिये !
ReplyDeleteबहुत अच्छा भाव, यही प्रेम पल्लवित होता रहे।
ReplyDeleteभावमय करते शब्दों का संगम ...
ReplyDeleteबहुत भावमयी प्रस्तुति....
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत हैं ये जादू की झप्पी
ReplyDeleteसलामत रहें झप्पियाँ
ReplyDeleteसुन्दर !!!!!!!!!!!!
ReplyDeleteह्रदय विशाल हो सागर की भाँती तो सब कुछ समां जाता है यही विशालता जादू की झप्पी में शायद परिवर्तित हो जाता है.
ReplyDeleteसही है.....स्नेहमयी ममतामयी भावपूर्ण प्रस्तुति!!
ReplyDeletejadu ki jhappi pasand aai ji
ReplyDeleteजादू की झप्पी बड़ी काम की
ReplyDeleteसैर करा देती चारों धाम की
हे माँ! तू देवी लगती है मेरी
जपू माला नित तेरे नाम की