यादों के मौसम की गुनगुनी धूप के बीच
तसवीर हाथ में ले
मेरा हौले से पुकारना
ह्म्म्म.. कह कर तुम्हारा आना
और मेरी बन्द पलकों की नमीं में ही छुप जाना
धीमे से मुस्कुराना
मुझसे मिलना,और
मुझे तनहा छोड़
चुपके से गुम हो जाना
रोज़ मिलकर बिछड़ जाना
अच्छी आदत नहीं........
-अर्चना
तसवीर हाथ में ले
मेरा हौले से पुकारना
ह्म्म्म.. कह कर तुम्हारा आना
और मेरी बन्द पलकों की नमीं में ही छुप जाना
धीमे से मुस्कुराना
मुझसे मिलना,और
मुझे तनहा छोड़
चुपके से गुम हो जाना
रोज़ मिलकर बिछड़ जाना
अच्छी आदत नहीं........
-अर्चना
कोमल स्मृतियों की सिहरन..
ReplyDeleteहम्म .... कोमल भाव
ReplyDeleteमेरी बन्द पलकों की नमीं में ही छुप जाना
ReplyDeleteसमृतियाँ , प्रेम और कोमलता का अनुपम संगम ...!
hhmmmm...
ReplyDeleteकोमल भाव...आपका प्रयास सार्थक रहा..!!
ReplyDeleteह्म्म्म.........
ReplyDeleteकोमल भाव ... शरारत लिए ... खूबसूरत भाव ...
ReplyDeleteमुझे तनहा छोड़
ReplyDeleteचुपके से गम हो जाना
रोज मिलकर बिछड़ जाना
अच्छी आदत नहीं
भाव भीनी बातें