Friday, August 10, 2012

दो अद्भुत व्यक्तित्व......राम-कृष्ण



 दो अद्भुत व्यक्तित्वों के बारे में दो अद्भुत पोस्ट
1- संजय अनेजा जी की "युगपुरूष"
2- रमाकांत सिंह जी की "राम-कॄष्ण"

11 comments:

  1. जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाये..!!

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  2. इस अवसर पर एक बात कहना चाहूँगा मेरे पिता श्री ने कहा था बेटा अच्छे लोगो की संगत में रहोगे तो उनके पुन्य का लाभ तुम्हे भी मिल सकता है . बात आज समझ में आई संजय अनेजा जी और आपकी संगत में रहकर हम भी कहीं नज़र आ गए . इस थोड़े समय में तुम्हारे जैसी बहन पाकर मै धन्य हो गया
    जन्माष्टमी के अवसर पर यह उपहार मै जीवन भर याद रखूँगा . मेरे जीवन में कुछ सुखद छनों में से एक ....कोई बधाई नहीं न ही आभार .आशीर्वाद चिरायु भव.

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  3. राम के बचपन के चि‍त्र क्‍यों इतने चलि‍त नहीं

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  4. मनमोहक प्रस्तुति मनमोहन सरीखी !

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  5. आदरणीय काजल कुमार जी सर्वप्रथम आपका ह्रदय से आभारी . चूँकि यह चित्र मेरे द्वारा चुनी गई है सो उसका उत्तर यह है की श्री रामचंद्र जी मर्यादा पुरुषोत्तम १२ कलाओं से युक्त रहे जिसके कारन उनके व्यक्तित्व में यह स्वयमेव झलक जाता है मैं तो आपके पारखी नज़र को प्रणाम करता हूँ जिन्होंने यह अंतर भी परख लिया चरण स्पर्श स्वीकारें और श्री कृष्ण जी १६ कलाओं से युक्त नटनागर हैं जिसके चंचंलता का आपने खुद दृश्य अंकित कर दिया है ..फिर से आपके पारखी दृष्टि को नमन

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  6. पढ़ा तो था आनंद आया सुनकर।..आभार।

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  7. दोनो ही रचनायें आनन्ददायी

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  8. संजय जी, रमाकांत जी (पोस्‍ट और कविता को मानों नया अर्थ मिल गया) और आपकी जबरदस्‍त तिकड़ी.

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  9. न जाने कितना कुछ सीखने को मिलता है..

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  10. बहुत अच्छा पॉडकास्ट किया है आपने! बहुत अच्छा लगा इसे सुनकर!

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