Saturday, August 18, 2012

दो गीत - मेरी पसंद

१- सैंया दिल में आना रे...



२- सुहानी रात ढल चुकी....

5 comments:

  1. सैया दिल में आना रे बड़ी खूबसूरती से निभाया गया है ओरिजिनल गीत के समकक्ष और न जाने कब आओगे ये कुछ अलग मूड का है जिसे एक ही साथ सुनने पर मै भिन्नन नहीं कर पाया आनंद में .माल पुआ के साथ तितर बटेर कि बिरियानी का स्वाद मिला .अब उसी को अलग से एक दिन एक ही गीत सुनकर फिर मज़ा लूँगा

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  2. सुहानी रात ढल चुकी .. सुना. वाह. सुर कहीं कहीं बहुत ऊंचा ले जाना पड़ता है...

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  3. बहुत ही अच्छे गीत लगते हैं ये..

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