ये पेंटिंग बनाई है श्रीमती विजयश्री मिश्रा जी ने जो आकाश मिश्रा की माताजी हैं....इस पर आकाश ने कविता भी लिखी है जिसे आप उसके ब्लॉग -आकाश के पार पर पढ़ सकते हैं । और आकाश की कविता को सुन सकते हैं यहाँ --
और अब इस पेंटिंग और पॉडकास्ट के साथ सुनिये ये भजन ...जिसे उपलब्ध करवाया है एक बेहद साधारण पाठक ने ---
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteमन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteमाता जी ,
ReplyDeleteप्रणाम ,
बहुत-बहुत आभार |
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteत्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!
खूबसूरत प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteman ke deep hi jalane hoge.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteविषयानुसार लिखेँ....
ReplyDeleteRamesh
8756046511
आपके स्वर ने इसको सुंदर से बहुत सुंदर बना दिया।
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