न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
कहानी का पढ़ना और अब आप से सुनना एक अनुभव रहा है।
तुम सचमुच अपने ढंग की अनोखी हो.. और यह बात इसलिए नहीं कह रहा कि मेरी छोटी बहन हो तुम!! सच्ची, कहानी का रूप ही नया हो जाता है!!
बहुत आभार !
खनकती आवाज में वाणी गीत जी के * रूठना कोई खेल नहीं * का सुन्दर वाचन
सुना! बेहतर काम हुआ है यह! कई बार सुनने का प्रभाव कुछ ज्यादा होता है। आभार।
prabhavshali swar... bahut bdhiya
यह कहानी भी दिल को छूती है। आज सुन..पढ़ पाया।..आभार। अब तो आप के सुनाए हर गीत, कहानी को दौड़ कर पढ़ना पड़ेगा..जो छूट गया वह भी।
कहानी का पढ़ना और अब आप से सुनना एक अनुभव रहा है।
ReplyDeleteतुम सचमुच अपने ढंग की अनोखी हो.. और यह बात इसलिए नहीं कह रहा कि मेरी छोटी बहन हो तुम!! सच्ची, कहानी का रूप ही नया हो जाता है!!
ReplyDeleteबहुत आभार !
ReplyDeleteखनकती आवाज में वाणी गीत जी के * रूठना कोई खेल नहीं * का सुन्दर वाचन
ReplyDeleteसुना! बेहतर काम हुआ है यह! कई बार सुनने का प्रभाव कुछ ज्यादा होता है।
ReplyDeleteआभार।
prabhavshali swar... bahut bdhiya
ReplyDeleteयह कहानी भी दिल को छूती है। आज सुन..पढ़ पाया।..आभार। अब तो आप के सुनाए हर गीत, कहानी को दौड़ कर पढ़ना पड़ेगा..जो छूट गया वह भी।
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