दैनिक प्रार्थना ....
उच्चारण की कुछ गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ,
(भविष्य में सुधार करने पर फ़िर इस प्लेयर को बदला जा सकेगा)
हरि: ऊँ ! हरि: ऊँ !! हरि: ऊँ !!!
ब्रम्हानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम्,
द्वन्द्वातीतं गगनसदॄशं तत्वमस्यादिलक्ष्यम्।
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षीभूतम्,
भावातीतं त्रिगुणरहितं सद् गुरूं तं नमामि॥
कर्पूरगौरं करूणावतारं संसारसारं भुअजगेन्द्रहारं,
सदावसन्तं ह्रदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥
नीलाम्बुजश्यामलकोमलांगं, सीतासमारोपितवामभागम्।
पाणौ महासायक चारूचापं, नमामि रामं रघुवंशनाथम्॥
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकीपरमानन्दमं कॄष्णं वन्दे जगद् गुरूम्॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लन्घयते गिरिम्।
यत्कॄपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम्॥
ईशावास्यमिदं सर्वं यत् किं च जगत्यां जगत्।
तेन त्यक्तेन् भुंजीथा: मा गॄध: कस्यस्विद्धनम्॥
प्रात: स्मरामि हॄदि संस्फ़ुरदात्मतत्वं
सत् चित् सुखं परमहंससगतिं तुरीयम्।
यत् स्वप्नजागरसुषुप्तमवैति नित्यं
यद् ब्रह्म् निष्कलमहं न च भूतसंघ:॥
प्रातर्भजामि मनसा वचसामगम्यं
वाचो विभान्ति निखिला यदनुग्रहेण|
यं नेति नेति वचनैर्निगमा अवोचं
स्तं देवदेवमजमच्युतमाहुरग्र्यम्॥
प्रातर्नमामि तमसः परमर्कवर्णं
पूर्णं सनातनपदं पुरूषोत्तमाख्यम्।|
यस्मिन्निदं जगदशेषमशेषमूर्तौ
रज्ज्वां भुजंगम इव प्रतिभासितं वै॥
(पूरे श्लोक तो नहीं लिख पाई हूँ,लेकिन लेकिन अनूप शुक्ला जी के कहने पर कुछ को टाईप किया है ,भविष्य में एडिट करके पूरे लिख देने की कोशिश रहेगी)
माँ शारदे आपको वरदान दे...
ReplyDeleteआपका बहुत-बहुत आभार!
ReplyDeleteअच्छा लगा यह प्रार्थना सुनकर। धन्यवाद।
ReplyDeleteआप इस प्रार्थना को टाइप करके भी डाल दें।
दिन की शुरुआत और इतनी अच्छी प्रार्थना |
ReplyDeleteसादर
सादर वंदन
ReplyDeleteसंकलनीय मन की दैनिक प्रार्थना .जियो हजारों साल माँ सरस्वती का आशीर्वाद बना रहे
ReplyDeletehari om...
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