न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
चिडियों का आँगन में चहकना कितना अच्छा लगता,Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
बचपन की चंचलता गौरया के फुदकने से प्रेरित होती थी।
बहुत ही सुन्दर पंक्तियां,चिडियों में भेद भाव नही होता सबके आँगन में चहकती हैं."स्वस्थ जीवन पर-त्वचा की देखभाल"
प्रकृति कहूँ या जीव के प्रति आपका अद्भुत प्रेम नमन करता हूँ इस भाव को
चिडियों का आँगन में चहकना कितना अच्छा लगता,
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बचपन की चंचलता गौरया के फुदकने से प्रेरित होती थी।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर पंक्तियां,चिडियों में भेद भाव नही होता सबके आँगन में चहकती हैं.
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प्रकृति कहूँ या जीव के प्रति आपका अद्भुत प्रेम नमन करता हूँ इस भाव को
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