न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत सुन्दर और मधुर प्रस्तुति...!आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (16-05-2013) के परिवारों को बचाने का एक प्रयास ( चर्चा मंच- 1246 ) मयंक का कोना पर भी है!सादर...!डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
यह रचना पढ़ चुके हैं आपकी आवाज़ में सुनकर और अच्छा लगा ...आभार
आपके स्वर में रचनायें और निखर कर आती हैं, बहुत आभार आपका।
रचना को मिले स्वर रचना को और उंचाई प्रदान कर रहे हैं अर्चना जी और प्रवीण जी दोनों को हार्दिक बधाई
जबरदस्त!
मगर गा कर सुनाओ
आपकी इस सार्थक प्रस्तुति को 'निर्झर टाइम्स' पर लिंक किया गया है।कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर अवलोकन करें। आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...!!
so nice :)
सकारात्मक जीवन=दर्शन समेटे हैं प्रवीण जी अपनी लेखनी के माध्यम से।
बहुत सुन्दर और मधुर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (16-05-2013) के परिवारों को बचाने का एक प्रयास ( चर्चा मंच- 1246 ) मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
यह रचना पढ़ चुके हैं आपकी आवाज़ में सुनकर और अच्छा लगा ...आभार
ReplyDeleteआपके स्वर में रचनायें और निखर कर आती हैं, बहुत आभार आपका।
ReplyDeleteरचना को मिले स्वर रचना को और उंचाई प्रदान कर रहे हैं अर्चना जी और प्रवीण जी दोनों को हार्दिक बधाई
ReplyDeleteजबरदस्त!
ReplyDeleteमगर गा कर सुनाओ
ReplyDeleteआपकी इस सार्थक प्रस्तुति को 'निर्झर टाइम्स' पर लिंक किया गया है।कृपया http://nirjhar-times.blogspot.com पर अवलोकन करें। आपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति ...!!
ReplyDeleteso nice :)
ReplyDeleteसकारात्मक जीवन=दर्शन समेटे हैं प्रवीण जी अपनी लेखनी के माध्यम से।
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