न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
पढ़कर और तब सुनकर रचना पूर्ण हो गयी मन में।
बहुत अच्छा जरिया शुक्रिया आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-05-2013) के 'सरिता की गुज़ारिश':चर्चा मंच 1250 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें सूचनार्थ |
बहुत बढ़िया पोस्ट... आवाज़ लाज़वाब
aalas devo bhava..iski har waqt karte raho pujaisse badhkar nahi koi aur kaam duja
आराम शब्द में राम छिपा जो भव बंधन को खेता है .....आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला ही योगी होता है ....!!:))रचना भी बढ़िया और आवाज़ और अंदाज़ भी सुन्दर ...
अच्छे से रिकार्ड किया है आपने शुक्रिया। धन्यवाद!मेरे यहां लगता नेट में कुछ लफ़ड़ा है। 1.43 मिनट के आगे सुनाई ही नहीं देता। :)
बहुत बढ़िया प्रस्तुति !बहुत कुछ का अनुसरण कर बहुत कुछ देखें और पढें
मज़ा आ गया जी सुन के ...शुक्रिया ..
आज करे सो काल कर, काल करे सो परसों इतनी जल्दी क्या है बेटा जीना है कई बरसों
हां अब सुनाई दिया कायदे से। फ़िर से धन्यवाद! :)
पढ़कर और तब सुनकर रचना पूर्ण हो गयी मन में।
ReplyDeleteबहुत अच्छा जरिया शुक्रिया
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-05-2013) के 'सरिता की गुज़ारिश':चर्चा मंच 1250 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
सूचनार्थ |
बहुत बढ़िया पोस्ट... आवाज़ लाज़वाब
ReplyDeleteaalas devo bhava..
ReplyDeleteiski har waqt karte raho puja
isse badhkar nahi koi aur kaam duja
aalas devo bhava..
ReplyDeleteiski har waqt karte raho puja
isse badhkar nahi koi aur kaam duja
आराम शब्द में राम छिपा जो भव बंधन को खेता है .....आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला ही योगी होता है ....!!:))
ReplyDeleteरचना भी बढ़िया और आवाज़ और अंदाज़ भी सुन्दर ...
अच्छे से रिकार्ड किया है आपने शुक्रिया। धन्यवाद!
ReplyDeleteमेरे यहां लगता नेट में कुछ लफ़ड़ा है। 1.43 मिनट के आगे सुनाई ही नहीं देता। :)
बहुत बढ़िया प्रस्तुति !
ReplyDeleteबहुत कुछ का अनुसरण कर बहुत कुछ देखें और पढें
मज़ा आ गया जी सुन के ...
ReplyDeleteशुक्रिया ..
आज करे सो काल कर, काल करे सो परसों
ReplyDeleteइतनी जल्दी क्या है बेटा जीना है कई बरसों
हां अब सुनाई दिया कायदे से। फ़िर से धन्यवाद! :)
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