न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
सुमधुर सदा बहार गीतों में से जाने वो कैसे , बड़ी सुनी सुनी, और कोई लौटा दे, बहुत सुन्दर गीतों को सुनवाने की बधाई खुबसूरत चयन . सुप्रभात
तीनों सुकून से सुनने योग्य।
Lajwab Gaane...
खूब्सूतर गीत ...मज़ा आ गया ..
सुमधुर सदा बहार गीतों में से जाने वो कैसे , बड़ी सुनी सुनी, और कोई लौटा दे, बहुत सुन्दर गीतों को सुनवाने की बधाई
ReplyDeleteखुबसूरत चयन . सुप्रभात
तीनों सुकून से सुनने योग्य।
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ReplyDeleteखूब्सूतर गीत ...
ReplyDeleteमज़ा आ गया ..