न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
वाह बहुत ही शानदार, तीनों ही हाइकू बिल्कुल थैमेटिक लग रहे हैं.रामराम.
बुलबुल, गौरय्या एवं कोयल!वाह!
आपकी यह रचना कल बुधवार (14-08-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
सुन्दर सरल परिचय..
बहुत खूब..
पंछी का जीवन सबसे सुन्दर ...
वाह बहुत ही शानदार, तीनों ही हाइकू बिल्कुल थैमेटिक लग रहे हैं.
ReplyDeleteरामराम.
बुलबुल, गौरय्या एवं कोयल!
ReplyDeleteवाह!
आपकी यह रचना कल बुधवार (14-08-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteसुन्दर सरल परिचय..
ReplyDeleteबहुत खूब..
ReplyDeleteपंछी का जीवन सबसे सुन्दर ...
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