मुझे आज भी याद है
वो शाम
जब लिखा था तुमने मेरा नाम
अपनी डायरी में
तुम्हारे नाम के पीछे
और मैं लड़ी थी तुमसे
आगे लिखने के लिए
तुमने कहा था-
मैं सूरज हूं
जिन्दगी में राह बनाता चलूंगा
इसलिए आगे मैं रहूंगा
तुम हो चाँदनी
जिसमें रहती हैं आँखे नीचे
तो तुम रहोगी हमेशा पीछे....
मुझे आज भी याद है
वो शाम
जब लिखा था तुमने मेरा नाम
अपनी डायरी में
तुम्हारे नाम के पीछे
और मैं लड़ी थी तुमसे
आगे लिखने के लिए
तुम न माने थे
आगे रहे
और आगे निकल गए
मैं अब लिखती हूँ
तुम्हारा नाम
मेरे नाम के पीछे
क्यों, कोई मुझसे ये न पूछे
हिसाब अब भी बाकी है
पूरा करूगी
अगले जनम ......
हृदयस्पर्शी रचना। मन के रिश्तों में कोई भले ही आगे निकल जाये, पीछे रह जाये, पास हो या दूर, हर अपना हर पल हमारे साथ ही होता है
ReplyDeleteरात कितनी भी गहराये,
ReplyDeleteदिन आयेगा, दिन आयेगा।
Aankhein moonde ek ek lafz mahasoos karne ki koshish kar raha hoon.
ReplyDeleteAankhein moonde ek ek lafz mahasoos karne ki koshish kar raha hoon.
ReplyDeleteAankhein moonde ek ek lafz mahasoos karne ki koshish kar raha hoon.
ReplyDeleteAankhein moonde ek ek lafz mahasoos karne ki koshish kar raha hoon.
ReplyDeleteतम का अंतिम प्रहार सबेरा है,रश्मि रथी का डेरा है दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ।।
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना !
ReplyDeleteनई पोस्ट हम-तुम अकेले
भावपूर्ण प्रस्तुति |
ReplyDeleteबेहद भावपूर्ण रचना...
ReplyDeletesundar rachna
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वस्थ रहो।
प्रसन्न रहो हमेशा।
सुंदर रचना, पर प्यार में हिसाब कहां..........।
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