Wednesday, October 30, 2013

चल मेरे साथ ही चल ....

अतीत के अँधेरे से बाहर निकल
एक नया सबेरा नजर आयेगा
खुशबुओं से महकेगी फ़ुलवारी
हर पत्ता ओस को सहलायेगा
उजली किरण से रोशन होगा आशियां
और हर तरफ तू ही तू नजर आएगा
जमाना करेगा तुझे याद हमेशा
और ज़माने में तेरा नूर जगमगाएगा.......

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