न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बेहद खूबसूरत गीत और आपकी आवाज़ में तो जादू सा बन पडा है ,दिगम्बर जी की लेखनी का कोई जवाब नहीं । बहुत ही आनंद आया सुनकर आज रात जुगनुओं को टिमटिमाना चाहिए ...........
वाह ... आपने तो अपनी खूबसूरत आवाज़ दे के इस गज़ल को अर्थ दे दिए ... बहुत बहुत शुक्रिया इसको अपनी आवाज़ में उतारने के लिए ...
गीत भी बहुत सुंदर और अर्चना आपकी आवाज भी बहुत सुंदर... धन्यवाद
सुन्दर गीत और सुन्दर आवाज़
गीत और स्वर दोनों सुन्दर !बधाई आप दोनों को !
वाह!
बेहद खूबसूरत गीत और आपकी आवाज़ में तो जादू सा बन पडा है ,
ReplyDeleteदिगम्बर जी की लेखनी का कोई जवाब नहीं । बहुत ही आनंद आया सुनकर
आज रात जुगनुओं को टिमटिमाना चाहिए ...........
वाह ... आपने तो अपनी खूबसूरत आवाज़ दे के इस गज़ल को अर्थ दे दिए ... बहुत बहुत शुक्रिया इसको अपनी आवाज़ में उतारने के लिए ...
ReplyDeleteगीत भी बहुत सुंदर और अर्चना आपकी आवाज भी बहुत सुंदर... धन्यवाद
ReplyDeleteसुन्दर गीत और सुन्दर आवाज़
ReplyDeleteगीत और स्वर दोनों सुन्दर !बधाई आप दोनों को !
ReplyDeleteगीत और स्वर दोनों सुन्दर !बधाई आप दोनों को !
ReplyDeleteवाह!
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