Sunday, June 1, 2014

चित्र-कविता



सूरज, की तरह स्थिर रहो
सबके जीवन में
नदी की तरह बह निकलो
सबके जीवन से

पेड़ जैसे छाया दो
सबको जीवन में
धरा सा बसेरा दो
सबको अपने मन में
...
   

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