हिंदयुग्म के आवाज़ की आभारी हूं इस श्रंखला के लिए सुनिये ओल्ड-इज़-गोल्ड के इन सदाबहार गीतों को प्रस्तुत कर रही हूं , आशा है पसन्द आयेगी श्रंखला ...
रिकार्ड तो बहुत पहले किया था , आज संजोया और सहेजा है " मेरे मन की " पर... अन्तिम कड़ी का प्लेअर फ़िलहाल उपलब्ध नहीं है .... तो उसे फ़िर किसी दिन ....
रिकार्ड तो बहुत पहले किया था , आज संजोया और सहेजा है " मेरे मन की " पर... अन्तिम कड़ी का प्लेअर फ़िलहाल उपलब्ध नहीं है .... तो उसे फ़िर किसी दिन ....
शुक्रिया इन लिंक्स के लिये।।।
ReplyDeleteबहुत मधुर गीतमाला है!!
ReplyDeleteकर्णप्रिय गीत
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDelete