Sunday, July 27, 2014

आभासी,बेनाम और अज्ञात लोग ...

1-

इस आभासी मुल्क में
अनजाने लोग
बन जाते हैं अपने
जाने कैसे?
न कोई जात न पात
न धर्म न भात
न एक खून
बस एक जूनून!
मिलना -मिलाना
भाईचारा निभाना
सुख में हँसना
तो दुःख में रोना
कर लेते हैं साथ
जाने कैसे ?
अनजाने लोग
इस आभासी मुल्क में ....

2-

एक अनाम रिश्ता
बेनाम लोगों से
बदनाम बस्ती में
बन जाया करता है
जिसके भरोसे भी
बीत जाया करती है
जिन्दगी .....

3-

अज्ञात और लावारिस
किसी के तो सगे होते होंगे
शायद विपदा के या
किसी आपदा के ही
तभी तो ले आती है
उनके लिए
मौत को साथ ....
पर कोई अपना
इतना क्रूर होता है भला
कि छोड़ कर निर्जन में
चला जाए अकेला ...
-अर्चना

13 comments:

  1. पर कोई अपना
    इतना क्रूर होता है भला
    कि छोड़ कर निर्जन में
    चला जाए अकेला ...

    मंगलकामनाएं आपको !

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  2. पर कोई अपना
    इतना क्रूर होता है भला
    कि छोड़ कर निर्जन में
    चला जाए अकेला ...

    मंगलकामनाएं आपको !

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  3. कल 29/जुलाई /2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  4. आभासी दुनिया में आपने इतने सारे लोगों को अपना बना लिया है कि देखकर कभी कभी ईर्ष्या होती है लेकिन लोगों को जोड़ने का हुनर और भाव आप जैसा सब में नही होता । ये कविताएं आपके सच्चे भावों की प्रतीक हैं ।

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  5. vividh rangon ko bikherti rachna ......

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  6. सावन के महीने में जब बहनें ऐसी कविताएँ लिखने लगे तो कोई भाई कह भी क्या सकता है! हम दोनों भाई-बहन ने मिलकर वसुधैव कुटुम्बकम को साकार बनाने की हर सम्भव कोशिश की है!! और बहुत कुछ मैंने बस तुमसे सीखा है!! परमात्मा तुम्हें सदा खुश रखे!! जीती रहो!!

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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  8. बहुत बढ़िया

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  9. ब्लॉग बुलेटिन की आज बुधवार ३० जुलाई २०१४ की बुलेटिन -- बेटियाँ बोझ नहीं हैं– ब्लॉग बुलेटिन -- में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ...
    एक निवेदन--- यदि आप फेसबुक पर हैं तो कृपया ब्लॉग बुलेटिन ग्रुप से जुड़कर अपनी पोस्ट की जानकारी सबके साथ साझा करें.
    सादर आभार!

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  10. पर कोई अपना
    इतना क्रूर होता है भला
    कि छोड़ कर निर्जन में
    चला जाए अकेला ...

    ...बहुत मर्मस्पर्शी...

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  11. इतना क्रूर होता है भला
    कि छोड़ कर निर्जन में
    चला जाए अकेला ...

    ...बहुत मर्मस्पर्शी :))

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  12. bahut sunder

    sudhir singh,Sanyojak

    jude aur juden

    sudhirsinghmgwa@gmail.com
    MANZIL GROUP SAHITIK MANCH\

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