गणपती जी
आवो मेरे अंगना
देओ आशीष ...
करूँ मैं पूजा
सिमर लूं गणेशा
हो ध्यान मग्न ....
भोग लगाऊं
आरती उतार लूं
नवा लूँ शीश ....
गजानन तू
शुभारंभ करे तो
कार्य सफल ....
आवो गणेश
सजाया मैंने घर
तुम्हारे लिए ....
हे गणराय
हे पार्वती नंदन
चरणस्पर्श....
आनंदकारी
चतुरानन तुम
आदि अनंत....
माता पार्वती
अग्रज कार्तिकेय
पिता शंकर ....
गोल उदर
गजमुख सुन्दर
अत्याकर्षक...
बुद्धि प्रदाता
प्रथम पूजनीय
करूँ नमन .......
-अर्चना
आवो मेरे अंगना
देओ आशीष ...
करूँ मैं पूजा
सिमर लूं गणेशा
हो ध्यान मग्न ....
भोग लगाऊं
आरती उतार लूं
नवा लूँ शीश ....
गजानन तू
शुभारंभ करे तो
कार्य सफल ....
आवो गणेश
सजाया मैंने घर
तुम्हारे लिए ....
हे गणराय
हे पार्वती नंदन
चरणस्पर्श....
आनंदकारी
चतुरानन तुम
आदि अनंत....
माता पार्वती
अग्रज कार्तिकेय
पिता शंकर ....
गोल उदर
गजमुख सुन्दर
अत्याकर्षक...
बुद्धि प्रदाता
प्रथम पूजनीय
करूँ नमन .......
-अर्चना
आदिदेव को प्रणाम
ReplyDeleteबहुत-बहुत सुन्दर
ReplyDeleteगजानन महाराज की जय!!!!
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामना!!