Tuesday, January 6, 2015

तेरे हैं दो रूप.....

1 comment:

  1. यह गीत सीधा दिल में उतर जाता है... तुमने भी बहुत मन से गाया है.. संगीत का साथ न होते हुए भी आवाज़ में जो असर है वह दिल को छू जाता है!! बहुत सुन्दर!! जीती रहो!

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