न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
यह गीत सीधा दिल में उतर जाता है... तुमने भी बहुत मन से गाया है.. संगीत का साथ न होते हुए भी आवाज़ में जो असर है वह दिल को छू जाता है!! बहुत सुन्दर!! जीती रहो!
यह गीत सीधा दिल में उतर जाता है... तुमने भी बहुत मन से गाया है.. संगीत का साथ न होते हुए भी आवाज़ में जो असर है वह दिल को छू जाता है!! बहुत सुन्दर!! जीती रहो!
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