Friday, August 14, 2015

जय हिन्द! जय हिन्द की सेना

स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या पर
सभी वीरों को नमन करते हुए देशवासियों को शुभकामनाएं

मेरी आजादी पर जश्न मना रहे हैं वो
जो  खुद धार्मिक जंजीरों में जकड़े हुए हैं .....

हाथों से तिरंगा कैसे लहराएंगे
जो उनसे अपनी कुर्सी पकड़े हुए हैं.....

गर्व से न मुस्कुरा पाएंगे शहादत पर
जिनके अपने ही घरों में झगड़े हुए हैं.......

कदम ताल मिलाना क्या जाने वो
जिनके शरीर आलसी से अकड़े हुए हैं.......

मैं अपनी हिफ़ाज़त खुद कर सकता हूँ
मेरे संस्कार पुश्तैनी हैं,तगड़े हुए हैं.....
अर्चना

3 comments:

  1. आज की बुलेटिन, वन्दे मातरम - हज़ार पचासवीं ब्लॉग-बुलेटिन में आप की पोस्ट भी शामिल की गई हैं । सादर

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  2. बहुत सटीक और प्रभावी अभिव्यक्ति...गर्व का दिन पर मंथन और संकल्प की जरूरत भी. आज़ादी का दिन मुबारक!

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  3. बहुत सुंदर

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