चार -पाँच दिन पहले एक सड़क हादसे में एक परिवार के मुखिया की मॄत्यु हो गई ,नेज गति के डम्पर से टकरा गई थी उनकी कार ........ उनकी पत्नी,पिता और दो बेटियाँ भी साथ थे .. .पत्नी के पैर में फ़्रेक्चर है ...पिता अब तक आई सी यू में है .(माँ का पहले ही देहान्त हो चुका है)... बड़ी बेटी जो कि मेरी स्कूल में के.जी. वन की विद्यार्थी है .....
मैं और हमारी वाइस प्रिन्सिपल मेडम कल उनके घर गए थे ....
बहुत दुखद होता है ऐसा समय ...घर पर बडे भाई मिले .....पता चला कि पिता को अभी बताया नहीं है कि बेटे का देहान्त हो गया है ..... पत्नी कभी बदहवास सी हो रो पड़ती -कभी चुप सी शून्य में ताकती ...देखा नहीं जा रहा था ..न कुछ कहते बन रहा था ...... छोटी बेटी दो माह की है और अपनी मामी की गोदी में बिलख रही थी .... पत्नी का मायका भी यहीं होने से पूरा परिवार साथ था.....
जितनी भी देर मैं रही एक भी शब्द न बोल सकी .... सांत्वना का ...:-( ......जैसे किसी ने मुँह सिल दिया हो मेरा ....
शायद मेरा अतीत मेरे सामने आ ठिठका- सा खड़ा हो गया था और मैं उसे देख अवाक थी! ....
चूँकि उस परिवार के सभी बच्चे मेरी ही स्कूल में पढ़ते हैं, वाइस प्रिन्सिपल मेडम ने ढाढस बंधाते हुए कहा कि जो होना था हो गया ,हमारे हाथ में कुछ नहीं होता ... आप अपना ध्यान रखें और बच्चों को स्कूल भेजें ,....
उन्होंने हामी भरी कि बड़े बच्चों के साथ ये बच्ची भी चली जायेगी ,इसलिये भेज देंगे ...थोड़ा सबके लिए ठीक होगा ....
आज बच्ची स्कूल आई थी .... अपनी क्लास टीचर से बताया कि मेरी नानी ने कहा है -
जितनी भी देर मैं रही एक भी शब्द न बोल सकी .... सांत्वना का ...:-( ......जैसे किसी ने मुँह सिल दिया हो मेरा ....
शायद मेरा अतीत मेरे सामने आ ठिठका- सा खड़ा हो गया था और मैं उसे देख अवाक थी! ....
चूँकि उस परिवार के सभी बच्चे मेरी ही स्कूल में पढ़ते हैं, वाइस प्रिन्सिपल मेडम ने ढाढस बंधाते हुए कहा कि जो होना था हो गया ,हमारे हाथ में कुछ नहीं होता ... आप अपना ध्यान रखें और बच्चों को स्कूल भेजें ,....
उन्होंने हामी भरी कि बड़े बच्चों के साथ ये बच्ची भी चली जायेगी ,इसलिये भेज देंगे ...थोड़ा सबके लिए ठीक होगा ....
आज बच्ची स्कूल आई थी .... अपनी क्लास टीचर से बताया कि मेरी नानी ने कहा है -
"जब मैं बड़ी हो जाउंगी ,तब मेरे पापा आएंगे".............
सब कुछ जानते हुए भी बच्चों से झूठ कहना होता है ..... मालूम है कि बच्ची समय के साथ संभल जायेगी ...लेकिन समय का क्या ठिकाना ! .... कभी फिर से धोखा दे जायेगा .... ये डर जिन्दगी भर हर आती-जाती साँस के साथ लगा रहता है .....
और मैं जानती हूँ -परिवार एक पीढ़ी पिछड़ जाता है विकास दर में ......
और मैं जानती हूँ -परिवार एक पीढ़ी पिछड़ जाता है विकास दर में ......
सब माया है लेकिन यह माया कभी-कभी कितनी क्रूर हो जाती है। शुक्र है भगवान ने नानियाँ बनाई हैं।
ReplyDeleteयह जीवन भी एक घटना हैं जीवंत पल इसी घटना के अंश हैं ।अच्छा हैं बेबुझ हैं जीना हो जाता हैं ।कर्ता भाव ही सुख दुख का स्पंदन देता हैं ।
ReplyDeleteAPKI KAHANI NE DIL KO CHHU LIYA..DHANYAWAD APKO AISI KAHANI DENE KE LIYE.
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