हम साहित्यकारों , कलाकारों को मां सरस्वती के नाम स्मरण और वंदना में सच्चा सुख मिलता है , इसमें तो कोई संशय ही नहीं … लेकिन आपको हे शारदे मां … गाते हुए देखना-सुनना और भी सुखकर लगा । पहली बार आपके दर्शन का सौभाग्य मिला , पुनः प्रणाम स्वीकारें । सादर शुभकामनाओं सहित - राजेन्द्र स्वर्णकार
" Maa sharda "
ReplyDeletegeet bahut sundar aur aawaj ka to koi jabab hi nahin hai
बहुत सुन्दर प्रयोग और मधुर सुर। प्रयोग चलता रहे।
ReplyDeleteबेहतरीन प्रयोग। सुमधुर संगीत के लिए आभार।
ReplyDeleteबेहतरीन सुन कर मन शांत हो गया !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteआपका स्वर तो सुना था आज स्वर के साथ आपको भी देखा. अच्छा लगा
सुन्दर गीत...बढ़िया प्रयोग
ReplyDeleteजारी रहे
ReplyDeletehttp://bambuser.com/channel/girishbillore/broadcast/1218894
अभिनव प्रयोग। क्या आप "रिश्तों में दरार" अपनी आवाज़ में पढकर भेज सकती हैं?
ReplyDeleteमाँ सरस्वती को श्रद्धा से नमन करता हूँ!
ReplyDelete--
आपने वन्दना को बहुत ही मधुर स्वर में गाया है!
आदरणीया अर्चना जी
ReplyDeleteप्रणाम !
हम साहित्यकारों , कलाकारों को मां सरस्वती के नाम स्मरण और वंदना में सच्चा सुख मिलता है , इसमें तो कोई संशय ही नहीं …
लेकिन आपको हे शारदे मां … गाते हुए देखना-सुनना और भी सुखकर लगा ।
पहली बार आपके दर्शन का सौभाग्य मिला , पुनः प्रणाम स्वीकारें ।
सादर शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
मां सरस्वती को नमन...
ReplyDeleteआपने वन्दना को बहुत ही मधुर स्वर में गाया है...शुभकामनाएं...
बहुत अच्छा प्रयोग। वंदना सुनकर मन को शांति मिली।
ReplyDeleteमाँ शारदे का आशीष लेकर आपने जो नया प्रयोग किया वह सराहनीय है.. आपकी आवाज़ के कायल तो हम हैं ही!!
ReplyDeleteआभार.. आप सभी का....वैसे एक बात बता दूँ मेरी बेटी बहुत हँसी है इसे देखकर...कहती है कुछ भी करते हो...कैसे तो दिख रहे हो ...हा हा हा
ReplyDeleteपर इससे क्या?...जैसे है,वैसे ही तो दिखेंगे कोई TRP थोड़ी बढ़ानी है...ब्लॉग की.....