(दौड़ना शुरू कर दिया है )
थोड़ी देर में पचपन की हो जाउंगी
पर रहना चाहती हूँ - बचपन में
आँखें बंद हैं ,
और एक-एक कर पुरानी घटनाएं
यादों के सहारे बाइस्कोप के चित्रों की तरह सरकती जा रही है ,
मायरा के लिए स्कूल की तलाश हो रही है
और में अपने स्कूल से छुट्टी की आस में हूँ
अपनी ही लिखी कुछ पंक्तियाँ याद आ रही है -
-अर्चना
आप सबको दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं!
जन्मदिन मुबारक हो ।
ReplyDeleteजन्मदिन मुबारक हो ।
ReplyDelete"आ तेरी उम्र मै लिख दूँ चाँद सितारों से
ReplyDeleteतेरा जनम दिन मै मनाऊं फूलों से बहारो से
हर एक खूबसूरती दुनिया से मै ले आऊं
सजाऊं यह महफ़िल मै हर हँसी नजारों से
उम्र मिले तुम्हे हजारों हजारों साल ...
हरेक साल के दिन हो पचास हजार !!"
अशेष शुभ कामनाएँ...
यशोदा
जन्मदिन की शुभकामनायें
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 26 अक्टूबर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteकितनी सुंदर पोस्ट .... जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकारें
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteबंट बंट कर ही कट जाती है सारी ज़िन्दगी और एक दिन विलुप्त हो जाता है अस्तित्त्व।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteबंट बंट कर ही कट जाती है सारी ज़िन्दगी और एक दिन विलुप्त हो जाता है अस्तित्त्व।
....जन्मदिन मुबारक अर्चना मासी
ReplyDeleteWaaaah ..... Is pachpan ka bachpan u hi sadabahar rahe ....... Anant shubhkamnayen !
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा ..... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ... Thanks for sharing this!! :) :)
ReplyDeleteजब भी लिखती हो तो ऐसा कि सीधा दिल में उतर जाता है . अन्त तक बचपन में ही रहना . मुबारक यह बचपन .
ReplyDeletehappy birthday !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना..
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!