Monday, October 24, 2016

पचपन में बचपन की चाह


ये पिछले साल का फोटो है -



 और ये दो दिन पहले का -
(दौड़ना शुरू कर दिया है )



थोड़ी देर में पचपन की हो जाउंगी 
पर रहना चाहती हूँ - बचपन में 


आँखें बंद हैं ,
और एक-एक कर पुरानी घटनाएं 
यादों के सहारे बाइस्कोप के चित्रों की तरह सरकती जा रही है ,

मायरा के लिए स्कूल की तलाश हो रही है 
और में अपने स्कूल से छुट्टी की आस में हूँ 



अपनी ही लिखी कुछ पंक्तियाँ याद आ रही है -





-अर्चना 


आप सबको दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं! 

14 comments:

  1. जन्मदिन मुबारक हो ।

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  2. जन्मदिन मुबारक हो ।

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  3. "आ तेरी उम्र मै लिख दूँ चाँद सितारों से
    तेरा जनम दिन मै मनाऊं फूलों से बहारो से

    हर एक खूबसूरती दुनिया से मै ले आऊं
    सजाऊं यह महफ़िल मै हर हँसी नजारों से

    उम्र मिले तुम्हे हजारों हजारों साल ...
    हरेक साल के दिन हो पचास हजार !!"
    अशेष शुभ कामनाएँ...
    यशोदा

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  4. जन्मदिन की शुभकामनायें

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  5. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 26 अक्टूबर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  6. कितनी सुंदर पोस्ट .... जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकारें

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  7. जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ।

    बंट बंट कर ही कट जाती है सारी ज़िन्दगी और एक दिन विलुप्त हो जाता है अस्तित्त्व।

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  8. जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ।

    बंट बंट कर ही कट जाती है सारी ज़िन्दगी और एक दिन विलुप्त हो जाता है अस्तित्त्व।

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  9. ....जन्मदिन मुबारक अर्चना मासी

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  10. Waaaah ..... Is pachpan ka bachpan u hi sadabahar rahe ....... Anant shubhkamnayen !

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  11. बहुत ही उम्दा ..... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ... Thanks for sharing this!! :) :)

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  12. जब भी लिखती हो तो ऐसा कि सीधा दिल में उतर जाता है . अन्त तक बचपन में ही रहना . मुबारक यह बचपन .

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  13. बहुत सुन्दर रचना..
    आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!

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